ग्रह शांति और ज्ञान
--क्या शनि और मंगल ग्रहों का असर होता है? क्या इन के प्रभाव से बचने के लिए पूजा करवानी चाहिए?
किसी को असर करेगा, किसी को नहीं करेगा. ग्रह अपना प्रभाव करते हैं. लेकिन केवल उनपर, जिन पर असर पड़ सकता है.
जैसे एक छोटा बच्चा है, उसे कंकड़ मारोगे तो चोट लगेगी, पर किसी बड़े व्यक्ति को वही कंकड़ मारेंगे तो उसे चोट नहीं लगेगी. वैसे ही, जो व्यक्ति अज्ञान में है उसे असर होगा. लेकिन जो ज्ञान में जाग गया उसे कुछ नहीं होगा.
जो मंगल और शनि से शक्ति में ज़्यादा है, वह उसको कुछ नहीं कर पाएंगे. जो उनसे कमज़ोर है, उस पर ही वह असर करेंगे. असर तो उन पर भी उतना ही होगा जो ज्ञान में हैं, मगर उन पर उसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा.
ग्रहों की शक्तियाँ ज़रूर हैं पर अगर तुम ज्ञान में आ जाते हो, तो उन के प्रभाव से अधिक शक्तिशाली हो जाते हो.
अगर तुम्हे गाड़ी चलानी अच्छे से आती है, तो तुम खड्डों वाले रास्ते पर भी चला लेते हो और अच्छे रास्ते पर भी चला लेते हो. जिसको मंगल लगा होता है उसके रास्ते में थोडे खड्डे होते हैं, बस. और अगर वह ज्ञान में है, तो वह देख देख के गाड़ी चला लेता है, और आराम से जीवन का रास्ता पार कर लेता है..
पर अगर अंधा गाड़ी चला रहा है तो वह खड्डे में गिरेगा. यही होता है जब लोग अंधविश्वास में ग्रह शांति पूजा पाठ करवाते हैं.
वह पोंगा पंडितों को बुला लेते हैं, ज्ञान को नहीं!
तुम्हें तो केवल आँखें खोलनी हैं. आँखें खोलोगे तो किसी चीज़ का भय ही नहीं होगा.
मंगल भी तुम्हारे भीतर है, शनि भी तुम्हारे भीतर है, गुरु भी तुम्हारे भीतर है, चन्द्रमा और सूर्य भी तुम्हारे भीतर हैं…
इन सब चीजों से क्यों डरते हो? यह सब कुछ नहीं हैं. सब तुम्हारे साथ खेलेंगे, सब तुम्हारे दोस्त बन जाएंगे.
जब तुम जागोगे तो पाओगे की सारी सृष्टि तुम्हारा खिलोना है, और ईश्वर तुम्हारे मित्र…
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