सुस्वागतम्
आत्मीय,
तुम्हारा अपने घर में स्वागत है...
मैं किसी विषय पर ज़्यादा तो नहीं जानता पर अपने अनुभव तुम्हारे साथ बाँट रहा हूँ...
मैंने तुम में एक सह पथिक पाया है जो आम से अलग सोच रखता है और अपने जीवन की राह खोज रहा है...
आओ, तुम और मैं साथ मिलकर इस धरती को स्वर्ग बनाएं...
साथ साथ हम अनजानी राहों पर चलें और नयी दिशाएं ढूंडें …
तुम्हारा हमक़दम,
दीपम्
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